Sunday, December 27, 2009

संता और साइकिल

जज: तुम पर साइकिल चोरी करने का इलज़ाम साबित नहीं हुआ, लिहाज़ा तुम्हे बा-इज़त बरी किया जाता हा।
संता: इसका मतलब मैं वो साइकिल रख लूं!

Sunday, January 25, 2009

अनसुनी चीख

जननी का दर्जा दिया मुझे फिर बहन बना पुचकारा।
बेटी बन विदा किया मुझे पत्नी पर तनमन वारा॥

जाने क्यूँ समय पलट गया क्यूँ दृष्टि बदल गई नर की
मुझको ही अपमानित करके अपनी ही समझ मलिन कर दी

आँचल के अन्दर कौन छुपा है निर्जीव मशीन जब बोली।
सबके मुख पर छा गई गर्मी सबकी हालत पतली हो ली॥

भिन्न-भिन्न औजारों से काटा, कुचला और रौंदा गया
खिलने से पहले ही कली को तिल-तिल करके कौंदा गया

अनदेखे हाथों ने बरबस मांगी जीवन की भीख कभी।
बंद होंठों से निकली थी अनसुनी अन्दर की चीख कभी॥

दया आई दानव को क्षत-विक्षत करके फ़ेंक दिया
जीवन को जीवन से पहले धरती माँ के अधीन किया

बहन-बेटी के रिश्ते को बनने से पहले ही तोड़ दिया।
अजन्मी बेबस अबला को प्रभु के घर में ही छोड़ दिया॥

- Written by: Dr. Nirmal Prakash 'निर्मल'
(Also published in leading newspapers)

Tuesday, January 20, 2009

Beggar's Bed

Woman sitting on a park bench.
Beggar: Hi Darling! Let's have some fun...
Woman (Angrily): How dare you!
Beggar: Then what are you doing on my bed?

Friday, January 16, 2009

Anger or Smile???

Anger is a condition in which the tongue works faster than the mind.
Smile is an action which makes everything work faster except the tongue.