उम्मीद का आशियाँ...
उम्मीद का आशियाँ दिल में बना रखा है,
सपनो का संसार सजा रखा है।
जाने कब ये सपने हकीकत बनेंगे,
और हमारे दामन में खुशियों के फूल खिलेंगे।
दिल करता है आसमान छु लें,और हमारे दामन में खुशियों के फूल खिलेंगे।
धरती से बहुत ऊपर उड़ान भर लें।
मगर कैसे ये सब मुमकिन होगा,
सपने तो आख़िर सपने हैं,
उनमें रंग कौन भरेगा?
ये जानते हैं की मजबूर हैं,सपने तो आख़िर सपने हैं,
उनमें रंग कौन भरेगा?
फिर भी उम्मीद का आशियाँ दिल में बनाये हुए हैं,
जाने कब ये सपने हकीकत बन जायें,
और हमारे दामन में खुशियों के फूल खिल जायें।
और हमारे दामन में खुशियों के फूल खिल जायें।
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